जामिया विश्वविद्यालय की ओर से जांच के लिए अभी तक अनुरोध नहीं : गृह मंत्रालय

जामिया विश्वविद्यालय की ओर से जांच के लिए अभी तक अनुरोध नहीं : गृह मंत्रालय




नयी दिल्ली 17 दिसम्बर  गृह मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का किसी भी विदेशी या अन्य नागरिक को देश से बाहर भेजने से कुछ लेना देना नहीं है और भारतीय नागरिक इसके दायर में ही नहीं आते। इस कानून का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से भी संबंध नहीं है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने आज यह भी स्पष्ट किया कि सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन की घटना की जांच के लिए अभी तक जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय की ओर से सरकार को कोई भी औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है।

सूत्रों ने कहा कि सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शांतिपूर्ण स्थिति बनी हुई है। शुरू में कुछ विश्वविद्यालयों में कैंडललाइट मार्च और शांतिपूर्ण प्रर्दशन किये गये। उन्होंने कहा कि 42 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से केवल दो जामिया मिल्लिया और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ही प्रदर्शन के दौरान कुछ हिंसा हुई है। सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक तथा प्रशासनिक कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है और कुछ में सर्दियों की छुट्टी शुरू हो गयी हैं। जामिया और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जो परीक्षाएं निर्धारित थी उनकी तिथि दोबारा निर्धारित की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने यहां आयोजित विजिटर्स सम्मेलन के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय को यह जानकारी दी है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सोमवार की रात जामिया में हुई घटना के बारे में रिपोर्ट मिली है । इस रिपोर्ट के साथ जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति का एक प्रस्ताव भी नत्थी है जिसमें मामले की उच्च स्तरीय/न्यायिक जांच कराने की मांग की गयी है। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को विश्वविद्यालय की ओर से किसी भी तरह की जांच के लिए औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है।

सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भारतीय नागरिक सीएए के दायरे में नहीं आते और न ही किसी विदेशी नागरिक या मुस्लिम नागरिक को इसके प्रावधानों के चलते बाहर भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कानून का एनआर सी से भी संबंध नहीं है। किसी अवैध प्रवासी या विदेशी नागरिक को देश से बाहर भेजने के लिए पहले से ही मौजूद कानून लागू होंगे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि शरणार्थियों के पास यदि पासपोर्ट आदि यात्रा दस्तावेज नहीं हैं तो भी वह सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में पड़ोसी देशों से आये कई मुस्लिमों को समय समय पर नागरिकता दी गयी है।